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Loan Against Property Ka Settlement Kaise Hota Hai?

कई बार हमें बहुत ज्यादा पैसों की जरूरत होती है. तब किसी भी तरह से हम पैसों का इंतजाम नहीं कर पाते. ऐसे में कोई रिश्तेदार या दोस्त भी इतने पैसे दे नहीं पाता. लेकिन आपके पास कोई प्रॉपर्टी अर्थात संपत्ति है, तो उस पर आपको लोन मिल सकता है. इसे ही लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी कहते हैं.

इस लोन के नाम में ही इसका अर्थ छिपा है. कोई जमीन या प्लॉट या अपनी प्रॉपर्टी गिरवी रखते हुए अगर आप लोन लेते हैं, तो यह लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी कहलाता है. इस तरह प्रॉपर्टी पर मिले हुए लोन को आप अपने किसी भी जरूरत को पूरा करने के लिए उपयोग में ला सकते हैं.

Loan Against Property Kitna Mil Sakta Hai?
Loan Against Property Kitna Mil Sakta Hai?

Loan Against Property Kitna Mil Sakta Hai?

आपको लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी कितना मिलेगा, यह आपके जमीन या प्लॉट की उस वक्त की मार्केट वैल्यू पर निर्भर करता है. बैंक या फिर कोई भी वित्तीय संस्थान आपके उस जमीन के मार्केट वैल्यू के तौर पर ही आपको लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी दे सकती है.

यह लोन सैंक्शन करने से पहले वित्तीय संस्थान के द्वारा आप की जमीन को जांचा जा सकता है. आपको अपने प्रॉपर्टी के लगभग 60% से 70% तक का लोन मिल सकता है.

Loan Against Property Ka Settlement Kaise Hota Hai
Loan Against Property Ka Settlement Kaise Hota Hai

Loan Against Property Ka Settlement Kaise Hota Hai

लोन सेटेलमेंट अर्थात अपने लिए हुए लोन का भुगतान करने की प्रक्रिया होती है. इसके अंतर्गत लोन देने वाली वित्तीय संस्था लोन की राशि के बदले एकमुश्त रकम देने का प्रस्ताव ग्राहक के सामने रख सकती है.

इसमें ग्राहक उस वित्तीय संस्थान को लोन की किस्त देना बंद कर सकता है और इस राशि का एकमुश्त लोन के आधार पर निपटारा कर सकता है.

ग्राहक एवं लोन देने वाली संस्थान के बीच एक समझौता हो सकता है. इसके अंतर्गत ही यह एक रकम निश्चित की जा सकती है.

लोन सेटेलमेंट के ग्राहक को भले ही बहुत फायदे नजर आ सकते हैं. लेकिन इसके भविष्य में दूरगामी परिणाम भी हो सकते हैं.

कई बार लोन सेटेलमेंट करने के कारण आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं रहता. इस वजह से अगर आप भविष्य में कोई लोन लेना चाहते हैं, तो उस पर भी लोन सेटेलमेंट का बहुत गहरा प्रभाव पड़ सकता है.

वित्तीय संस्थान के अनुसार पहले विकल्प में लोन लेने वाले को एकमुश्त राशि मिल सकती है. दूसरे विकल्प के अनुसार वित्तीय संस्थान ग्राहक को उसके जरूरतों के तहत लोन बांटते हुए भी मंजूर कर सकता है.

अपनी संपत्ति पर लिए गए लोन का ग्राहक को हफ्ते के आधार पर हर महीने पुनर्भुगतान करना होता है.

ग्राहक को अपने लोन लेने के पहले साल से ही उस लोन का पुनर्भुगतान चालू कर देना चाहिए. इससे उसके EMI के ज्यादा लंबी अवधि में ब्याज दर कम हो सकती है.

अगर आप बड़े EMI के साथ अपने लोन का भुगतान करते हैं, तो इससे आपका लोन जल्द ही पूरी तरह से रीपेमेंट हो जाएगा. इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा हो सकता है.

Loan Against Property Ke Liye Documents
Loan Against Property Ke Liye Documents

Loan Against Property Ke Liye Documents

अगर आप अपने प्रॉपर्टी पर लोन लेना चाहते हैं, तो आपको कुछ डाक्यूमेंट्स बैंक या वित्तीय संस्थान के पास जमा करने होंगे.

बैंक के द्वारा आपको अपना पहचान प्रमाण पत्र एवं पते का प्रमाण पत्र मांगा जा सकता है.

साथ ही अगर आप वेतन भोगी है, तो आपके पिछले 3 महीने की वेतन की स्लिप भी लग सकती है.

पिछले लगभग 6 महीने तक का बैंक स्टेटमेंट भी आपको देना पड़ सकता है.

पिछले साल भरा हुआ आयकर रिटर्न अर्थात ITR Form या फॉर्म 16 भी आपसे मांगा जा सकता है.

अगर आप स्वयं रोजगार करते हैं, तो आपको अपना बैलेंस शीट एवं प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट भी लग सकता है.

सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज के तौर पर आपके प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी बैंक की तरफ से मांगे जा सकते हैं.

बैंक के नियमानुसार मांगे गए किसी और डॉक्यूमेंट की पूर्ति भी आपको करनी होगी.

Loan Against Property Ke Bare Me Jankari

अपनी प्रॉपर्टी पर लोन लेते समय आपको कुछ बातें ध्यान रखनी चाहिए.

अगर आप समय पर अपने लोन का पूरा भुगतान नहीं करते हैं, तो बैंक या वित्तीय संस्थान के द्वारा आपके प्रॉपर्टी को बेचा जा सकता है.

इस प्रॉपर्टी को बेचकर आपके लोन की वसूली की जा सकती है. इसलिए बेहतर यही होता है कि आपको समय पर अपने लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी का भुगतान जरूर करना चाहिए.

अपने प्रॉपर्टी के आधार पर लोन लेने से पहले लोन का भुगतान करने के बारे में पूरी तरह से विचार करें. अगर आप अपने लोन का पूरे ब्याज के साथ भुगतान कर सकते हैं तभी यह लोन ले.

जब आप अपनी प्रॉपर्टी पर लोन लेना चाहते हैं, तो इसमें कई अलग-अलग तरह के खर्चे भी लग सकते हैं. इन खर्चों में प्रॉपर्टी वैल्युएशन फीस, रजिस्ट्रेशन फीस, प्रोसेसिंग फीस, मूल्यांकन शुल्क, कानूनी शुल्क आदि खर्चे हो सकते हैं. इन सभी खर्चों का भुगतान भी आपको ही करना होता है.

किसी भी वित्तीय संस्थान से लोन लेने से पहले आपको कम से कम 3-4 जगह लोन के बारे में पूछताछ करनी चाहिए. ताकि आपको ब्याज दर एवं उसके साथ लगने वाली फीस भी कम से कम देनी पड़े.

आप अपने लोन का पूरा भुगतान किए बिना अपनी संपत्ति को किसी को बेच नहीं सकते है.

Loan Against Property Ke Fayde

आपके प्रॉपर्टी को गिरवी रखते हुए लोन लेने का निर्णय भले ही आपको पूरी तरह से सोच समझ कर करना चाहिए. लेकिन फिर भी अपने प्रॉपर्टी पर लिए जाने वाले इस लोन के भी अपने फायदे हो सकते हैं.

आपको अपने प्रॉपर्टी पर बहुत ही कम समय में एवं आसानी से लोन मिल सकता है.

अगर आप पर्सनल लोन एवं लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी की तुलना करें, तो लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी की ब्याज दर आपको कम लग सकती है.

लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के तहत आपको कम से कम EMI लग सकती है. साथ ही लोन के तहत आपको बहुत बड़ी रकम भी मिल सकती है.

अगर आप लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के लिए अप्लाई करते हैं, तो यह आपको ज्यादा समय के लिए अर्थात लगभग 15 से 20 सालों तक के लिए आसानी से मिल सकता है.

आप अपने संपत्ति पर लोन लेने के लिए अपनी खाली जमीन या फिर किराए की आवासीय संपत्ति को भी गिरवी रख सकते हैं.

अपने अचल संपत्ति के मूल्य के बदले में यह लोन मिलता हैं, इसलिए इस लोन को सुरक्षित माना जाता है.

Loan Against Property Interest Rates

आप अगर अपने प्रॉपर्टी पर लोन लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको लगभग 8% से शुरू होने वाली ब्याज दर लग सकता है.


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