Finance

Green  Banking  kya hai?

By Malvika Kashyap

March 23, 2022

Loan Guide in Hindi

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ग्रीन बैंकिंग को हम सामान्य बैंकिंग सकते हैं. लेकिन इसमें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं पर्यावरण रक्षा परियोजनाओं का  वित्तपोषण किया जाता है.

क्या है ग्रीन बैंकिंग?

प्राकृतिक संसाधनों एवं पारिस्थितिक कारकों का विचार होने की वजह से इस बैंकिंग को नैतिक बैंकिंग या स्थाई बैंकिंग भी कहा जा सकता है.

नैतिक बैंकिंग

इसे एक प्राधिकरण के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है. इसे पृथ्वी के पर्यावरण एवं संसाधनों की देखभाल करने का एजेंडा माना जा सकता है.

पृथ्वी के पर्यावरण की देखभाल

दूसरे शब्दों में इसे हम पर्यावरण स्नेही एवं स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली बैंकिंग कह सकते हैं. इससे पर्यावरण में कार्बन उत्सर्जन की  संभावनाएं कम हो सकती है.

पर्यावरण स्नेही बैंकिंग

ग्रीन बैंकिंग को जलवायु परिवर्तन के साथ जोड़ा जा सकता है. इसलिए इसे वैश्विक स्तर पर विकसित करने की आवश्यकता है.

वैश्विक स्तर पर  विकास होना आवश्यक

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में वित्तीय बाधाओं को दूर करने के लिए ग्रीन बैंकिंग का गठन शामिल है. इससे स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा साथ ही जरूरत के अनुसार फाइनेंस भी मिल सकता है.

फायदे

इसी के साथ ऑफलाइन विकल्पों के बजाय ऑनलाइन के साथ-साथ मशीनीकरण पर भी ज्यादा जोर देना ग्रीन बैंकिंग के  उपायों में आ सकता है.

ऑनलाइन ग्रीन बैंकिंग

ग्रीन बैंकिंग के तहत हम कागज बचाकर अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कम कर सकते हैं. इसी के साथ बैंकों में लगने वाली भीड़ से भी लोगों का बचाव हो सकता है.

भीड़ से लोगों का बचाव

ग्रीन बैंकिंग को हमारे जीवन में ज्यादा से ज्यादा स्थान देना ही भविष्य की मांग है. ग्रीन बैंकिंग का उपयोग करते हुए ही हम अपने पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं.

Summary

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