By Prashika Ingle
March 23, 2022
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सिबिल स्कोर 300 से लेकर 900 के बीच का एक 3 अंकों का नंबर होता है, जिससे आपके क्रेडिट की योग्यता समझी जा सकती है.
कई सारे बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीयां भी आपके अच्छे सिबिल स्कोर को देखकर ही लोन का अप्रूवल देती है.
सिबिल का लॉन्ग फॉर्म Credit Information Bureau India Limited होता है. इसकी स्थापना भारत में अगस्त 2000 में क्रेडिट की जानकारी देने वाली कंपनी के रूप में की गई थी.
किसी भी व्यक्ति या वाणिज्यिक संस्थाओं के क्रेडिट संबंधी गतिविधियों का रिकॉर्ड मेंटेन करना ही इस ब्यूरो का काम होता है.
सिबिल स्कोर से आपके क्रेडिट की योग्यता निर्धारित होती है एवं आपके द्वारा समय पर लोन चुकाने की संभावना का ऋण दाता को पता चलता है.
सिबिल के इसी पैरामीटर के द्वारा आपको मिलने वाले लोन की ब्याज दर भी तय होती है. खासतौर पर जब आप पर्सनल लोन, होम लोन या फिर कार लोन लेते हैं.
सिबिल स्कोर से ग्राहक के क्रेडिट हिस्ट्री का पता लगता है. जानकारों के अनुसार अगर आपका सिबिल स्कोर 900 के करीब है, तो लोन पाना आपके लिए आसान हो सकता है.
बैंक से लोन लेते समय अक्सर क्रेडिट स्कोर एवं सिबिल स्कोर का जिक्र होता है. कई बार लोग इन दोनों स्कोर को एक ही समझ लेते हैं, मगर ऐसा नहीं है.
असल में क्रेडिट स्कोर से व्यक्ति की, अपने लिए हुए कर्ज को चुकाने की, साख नापी जाती है. और सिबिल स्कोर से व्यक्ति को लोन मिलेगा या नहीं, यह तय किया जाता है.
अगर आप अपने लिए हुए लोन का भुगतान समय-समय पर नहीं कर पाते हैं या फिर देरी से करते हैं, तो इसका बहुत खराब असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है.
अपने सिबिल रिपोर्ट को जानने के लिए आप सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर एक ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं. यहां आप ₹550 का भुगतान देकर अपनी सिबिल रिपोर्ट को डाउनलोड कर सकते हैं.
दोस्तों अब आप जान ही गए होंगे कि सिबिल स्कोर क्या होता है और इसे कैसे देखा जा सकता है. अगर आपको यह जानकारी पसंद आए, तो अपने दोस्तों के साथ भी इसे जरूर शेयर करें!
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