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सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट में क्या फर्क है?

आजकल बैंक में अकाउंट होना बहुत ही महत्वपूर्ण बात हो चुकी है. ऐसे में जब हम बैंक के अकाउंट की बात करते हैं, तो करंट अकाउंट एवं सेविंग अकाउंट दोनों का जिक्र होता है.

लेकिन कई लोग आज भी इन दोनों में क्या अंतर होता है, इसे जानते नहीं है. आइए आज इस लेख के माध्यम से हम आपको इन दोनों अकाउंट की पूरी जानकारी देने जा रहे हैं.

सेविंग अकाउंट (बचत खाता) किसे कहते हैं?
सेविंग अकाउंट (बचत खाता) किसे कहते हैं?

सेविंग अकाउंट (बचत खाता) किसे कहते हैं?

किसी भी बैंक में सामान्य आदमी के द्वारा पैसों की बचत करने के लिए अकाउंट खोला जाता है, इसे बचत खाता कहते हैं. इस अकाउंट पर बैंक की तरफ से हमें ब्याज भी मिलता है. यह ब्याज लगभग 3% से लेकर 6% तक हो सकता है.

अगर आप अपना बचत खाता खुलवाना चाहते हैं, तो आपको अपना पहचान प्रमाण पत्र जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि लग सकता है.

साथ ही एड्रेस प्रूफ के तौर पर बिजली का बिल, पानी का बिल, टेलीफोन बिल इत्यादि मांगा जा सकता है.

इसी के साथ आवेदन कर्ता की पासपोर्ट साइज फोटो भी लगती है.

करंट अकाउंट (चालू खाता) किसे कहते हैं?
करंट अकाउंट (चालू खाता) किसे कहते हैं?

करंट अकाउंट (चालू खाता) किसे कहते हैं?

अपने कारोबार, फर्म या कंपनी के लिए बिजनेसमैन व्यक्तियों को रोजाना हजारों एवं लाखों के व्यवहार करने पड़ते हैं. ऐसे लोगों के लिए किसी भी बैंक में करंट अकाउंट की सेवा दी जाती है.

करंट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको पहचान प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे केवाईसी दस्तावेज लग सकते हैं.

बचत खाते में कितना पैसा रख सकते हैं?

बचत खाते में रकम जमा करने की अधिकतम सीमा ₹1 लाख तक की है. अगर एक लाख से ज्यादा की राशि इसमें जमा होती है, तो इनकम टैक्स विभाग की नजर आप पर पड़ सकती है.

इनकी तरफ से आपके रकम जमा करने का पता लगाया जा सकता है. और कोई गड़बड़ी मिलने पर आपके नाम इनकम टैक्स का नोटिस भी आ सकता है.

करंट अकाउंट में कितने पैसे जमा कर सकते हैं?
करंट अकाउंट में कितने पैसे जमा कर सकते हैं?

करंट अकाउंट में कितने पैसे जमा कर सकते हैं?

करंट अकाउंट में एक साल में कैश डिपाजिट की सीमा 50 लाख रुपए इतनी की गई है. करंट अकाउंट को खास बिजनेस के लिए ही खोला जाता है.

अगर अकाउंट होल्डर 50 लाख रुपए से अधिक राशि करंट अकाउंट में जमा करते हैं, तो उनके खिलाफ इनकम टैक्स विभाग कार्रवाई कर सकता है.

साथ ही करंट अकाउंट में आपके किसी भी तरह का कोई ब्याज नहीं मिल सकता है.

सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट में क्या अंतर है

सेविंग अकाउंट में आपको रोजाना लिमिटेड ट्रांजैक्शन करने की मोहलत होती है. जबकि करंट अकाउंट में आप रोजाना कितने भी ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.

सेविंग अकाउंट में ज्यादा लेनदेन करने पर आपको बैंक को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है.

करंट अकाउंट को सिंगल फर्म, पार्टनरशिप फर्म, प्रोपराइटरी, लिमिटेड कंपनी, क्लब, ट्रस्ट, सोसायटी या कोई संस्था हो ऐसा कोई भी एक या एक से ज्यादा व्यक्ति ओपन कर सकते है.

लेकिन सेविंग अकाउंट हर व्यक्ति अपने पैसों की बचत करने एवं उन पैसों पर ब्याज पाने के लिए कभी भी खोल सकता है.

कई सेविंग अकाउंट में आपको अपने बैंक के द्वारा निर्धारित की हुई कम से कम धनराशि को अपने खाते में बचा कर रखना पड़ता है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको अतिरिक्त शुल्क लग सकता है.

लेकिन कई करंट अकाउंट में ऐसा किसी भी तरह का न्यूनतम धनराशि का प्रावधान नहीं होता है.

करंट अकाउंट किसी भी बिजनेसमैन व्यक्ति के लिए बहुत फायदेमंद होता है. जबकि सेविंग अकाउंट किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए ज्यादा अच्छा रहता है.

करंट अकाउंट के नियम एवं शर्तें बिजनेस के हिसाब से बनाई गई हैं. इन्हें मुख्यतः व्यवसायियों एवं उद्यमियों के लिए बनाया गया है.

जबकि सेविंग अकाउंट को किसी भी उम्र का व्यक्ति के द्वारा यहां तक कि बच्चों एवं विद्यार्थियों के लिए भी बचत खाता खोला जा सकता है. साथ ही महिलाएं एवं बुजुर्ग भी अपनी सैलरी या जमा रकम को बचा कर रखने के लिए सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं.

करंट अकाउंट खोलने के लिए आपको अलग-अलग बैंकों के अलग-अलग नियमानुसार ₹2,000 से ₹10,000 तक की रकम जमा करनी पड़ सकती है. करंट अकाउंट में एवरेज मिनिमम बैलेंस भी रखना पड़ता है. ऐसा ना करने पर आपको अतिरिक्त शुल्क लग सकता है.

सेविंग अकाउंट खोलने के लिए आपको करंट अकाउंट की तुलना में बहुत कम पैसों की जरूरत पड़ सकती है. इसमें लगभग ₹500 से लेकर ₹2000 तक जमा करते हुए आप रेगुलर सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं. इसमें एवरेज मिनिमम बैलेंस भी कम रखना पड़ता है.

करंट अकाउंट से क्या फायदा है

अगर आपका बिजनेस के लिए खोला गया करंट अकाउंट है, तो आप इसमें जमा राशि से अधिक रकम भी निकाल सकते हैं, इसे बैंक ओवरड्राफ्ट कहा जाता है.

इसमें आप अपने खाते में जमा रकम से ज्यादा की राशि भी अपने अकाउंट से निकाल सकते हैं.

करंट अकाउंट में दिन भर में बड़ी-बड़ी राशि की लेन-देन भी हो सकती है. इस बड़ी राशि की लेनदेन पर आपको कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता है.

सेविंग अकाउंट के फायदे

सेविंग अकाउंट के खाते में आपकी जमा की हुई रकम सुरक्षित खाते की तरह रखी जा सकती है.

एक ही इंसान अलग-अलग बैंकों में अपने सेविंग अकाउंट खोल सकता है. साथ ही अपने एक ही मोबाइल नंबर से दो अलग-अलग बैंकों के खातों को जोड़ सकता है.

लगभग सभी बैंकों की तरफ से सेविंग अकाउंट पर एक्सीडेंट एवं जीवन बीमा कवर मिल सकता है. इसके लिए बैंकों की तरफ से मामूली शुल्क भी लिया जा सकता है.

कई बैंकों की तरफ से यह बीमा लगभग 2 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक दिया जा सकता है.

कई बैंकों की तरफ से प्रीमियम सेविंग अकाउंट होल्डर को असीमित एटीएम विड्रोल की सुविधा मिल सकती है.

आमतौर पर सामान्य सेविंग अकाउंट होल्डर 1 दिन में ATM से लगभग 25,000 रुपए ही निकाल सकता है.

जबकि प्रीमियम सेविंग अकाउंट होल्डर 1 दिन में लगभग ₹1 लाख तक की राशि निकाल सकता है.

कई बैंकों की तरफ से अपने प्रीमियम सेविंग अकाउंट होल्डर्स को मुफ्त में एयरपोर्ट लाउंज की सुविधा मिल सकती है.

सेविंग खाता धारक आसानी से NEFT, RTGS, IMPS जैसी सुविधाओं से अपने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.

इसी के साथ ही कई बैंकों की तरफ से अपने प्रीमियम सेविंग अकाउंट होल्डर को फ्री डिमैट अकाउंट की सुविधा भी मिल सकती है.

कई बैंक अपने ग्राहकों को फ्री लॉकर एवं फ्री लॉकर इंश्योरेंस की सुविधा भी मुहैया करा सकती है.

सेविंग अकाउंट को करंट अकाउंट में कैसे बदलें?

RBI के निर्देशानुसार कोई भी सेविंग अकाउंट किसी करंट अकाउंट में परिवर्तित नहीं किया जा सकता. साथ ही कोई करंट अकाउंट भी किसी सेविंग अकाउंट में बदला नहीं जा सकता. इन दोनों तरह के अकाउंट के अपने-अपने फायदे एवं विशेषताएं होती हैं.


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